योग की महत्ता भारत में सदियों से रही है और इसका नियमित अभ्यास करने वाले निरोग और बलिष्ठ होते हैं। भारत ने योग के महत्व को पूरी दुनिया के सामने रखा और इसकी अगुवाई भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इनके ही प्रयास से 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाना निश्चित हुआ। रोज योग करने के कारण ही नरेंद्र मोदी पूरे दिन ऊर्जावान रहते हैं और उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आती। क्या आप जानते हैं नरेंद्र मोदी इतने एनर्जेटिक और सक्रिय किन-किन योगासन का अभ्यास करके रहते हैं। इस लेख में हम आपको उन योगासनों के बारे में बता रहे हैं जिनका अभ्यास नरेंद्र मोदी करते हैं और आपको भी करना चाहिए।
सुखासन
यह योग श्वास-प्रश्वास और ध्यान पर आधारित है। इसको करने से घुटने 90 डिग्री मुड़ते हैं, जिससे उन्हें दर्द से आराम मिलता है। यह तनाव कमकर चित्त को एकाग्र कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इस योगा को करते वक्त आपका सिर और गर्दन सीधा होना चाहिये। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा कर के बैठें और उसे बिल्कुल भी ना मोड़े। अपने दोनों पैरों को तिरछा मोड़ कर बैठें और दोनों हाथों को अपने पैरों पर रखें। इससे आपकी मेटाबॉलिज्म तेज होता है। पैरों में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो यह आसन न करें। साइटिका अथवा रीढ़ के निचले भाग के आसपास किसी प्रकार का दर्द हो या घुटने की गंभीर बीमारी में इसका अभ्यास न करें।
पद्मासन
पद्मासन को अंग्रेजी में लोटस पोज भी कहते हैं। यह आसन पेट को दुरुस्त और दिमाग की एकाग्रता बढाने के लिये लाभकारी माना जाता है। जमीन पर बैठकर बाएं पैर की एड़ी को दाईं जंघा पर इस प्रकार रखते हैं कि एड़ी नाभि के पास आ जाएं। इसके बाद दाएं पैर को उठाकर बाईं जंघा पर इस प्रकार रखें कि दोनों एड़ियां नाभि के पास आपस में मिल जाएं। मेरुदण्ड सहित कमर से ऊपरी भाग को पूर्णतया सीधा रखें। ध्यान रहे कि दोनों घुटने जमीन से उठने न पाएं। तत्पश्चात दोनों हाथों की हथेलियों को गोद में रखते हुए स्थिर रहें। इसको पुनः पैर बदलकर भी करना चाहिए। फिर दृष्टि को नासाग्र भाग पर स्थिर करके शांत बैठ जाएं।
उस्तरासन
इस योगासन में हमारी पीठ स्ट्रेच होती है, सिर थोड़ा झुका हुआ रहता है और पेट उठा हुआ रहता है, इसलिए इस आसन की मदद से पेट और पीठ के निचले हिस्से का परिमार्जन होता है। यह आसन हमारे हिप्स और थाई को मजबूत बनाता है। यह आसन आपकी जांघों पर वसा कम कर देता है। यह आपके कंधे, पीठ, जांघों और बांह को मजबूत करता है, कूल्हे फ्लेक्सोर्स को खोलता है, कोख, गर्दन और पेट को भी टोन उप करने में सहायक है।
वज्रासन
यह एकमात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद किया जाता है। भोजन करने के बाद दस मिनट तक वज्रासन में बैठने से भोजन जल्दी पचने लगता है और कब्ज, गैस, अफारा आदि से छुटकारा मिलता है। यदि घुटनों में दर्द रहता हो, तो वज्रासन नहीं करना चाहिए। पेट और हाजमा सही रहने से बाल भी स्वस्थ बनते हैं। विधि – दोनों घुटनों को सामने से मिलाएं और पैर की एड़ियां बाहर की तरफ रखें और पंजे अन्दर की ओर। अपने दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखें।
योगासन स्त्रियों और पुरुषों को संयमी एवं आहार-विहार में मध्यम मार्ग का अनुकरण करने वाला बनाता है, मन और शरीर को स्थाई तथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य, मिलता है।