अगर आपने अपने कॅरियर और पढ़ाई के चक्कर में शादी देर से की और अब यह सोच रही हैं कि आप बच्चे भी देर से पैदा करेगी तो गलत हैं। किसी भी महिला को 30 वर्ष की आयु के बाद संतान पैदा करने के बारे में निर्णय नहीं ही लेना चाहिए। ऐसा नहीं कि इस उम्र पर बच्चे नहीं होते हैं लेकिन काफी शारीरिक समस्याएं आ जाती हैं।
20 की उम्र के बाद महिला के शरीर, संतान को जन्म देने के लिए सबसे स्वस्थ होता है जो 30 तक काफी अच्छा रहता है। प्रजनन के लिए आयु बहुत मायने रखती है।
प्रजनन क्षमता का अंत मेनोपॉज से 5 से 10 साल पहले ही हो जाता है। लगभग 35 साल की आयु के बाद गर्भ धारण करने में बहुत मुश्किल होती है। आइए जानते हैं उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर क्या असर पड़ता है:
ओवरी की अवधि होती है:
उम्र के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ती है। महिलाओं की ओवरी की अवधि होती है, प्रजनन की उम्र होने पर 6 से 7 मिलियन एग ओवरी में बनते हैं लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में कमी आती रहती है।मेनोपॉज के बाद महिलाओं की ओवरी में सिर्फ कुछ सौ एग ही बनते हैं। बेहतर होगा कि इन एग की संख्या कम होने से पहले ही बच्चे के जन्म के बारे में विचार कर लें।
फर्टिलिटी सोर:
23 से 32 की उम्र के बीच महिलाओं में प्रजनन क्षमता ठीक रहती है लेकिन इसके बाद गर्भपात होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। क्योंकि एग की गुणवत्ता गिर जाती है और फर्टिलिटी सोर हो जाता है।
नॉन-ओवेरियन फैक्टर:
कुछ प्रकार के नॉन-ओवेरियन फैक्टर्स भी होते हैं जिनके कारण भी प्रजनन में समस्याएं आती हैं। महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रोरॉयड्स जैसी भी कई मेडिकल समस्याएं हो सकती है जिनके कारण गर्भधारण करने में समस्याएं आ सकती हैं।
30 की उम्र में महिला की प्रजनन क्षमता:
महिलाओं को 30 की गर्भ धारण करने बाद बहुत समस्या होती है। उन्हे कई छोटी-छोटी समस्याएं और ज्यादा बढ़ने लगती हैं। 30 साल की उम्र में 20 बार सेक्स करने पर एक बार गर्भवती होने के चांस रहता है। वहीं 35 की उम्र के बाद यह साइकल और ज्यादा बढ़ जाता है( हर बार के सेक्स में सिर्फ 20 प्रतिशत का चांस होता है कि वह गर्भ धारण कर पाएं।
40 की उम्र में महिलाएं:
40 की उम्र में एक बार सेक्स करने पर सिर्फ 5 प्रतिशत का चांस रहता है कि वह गर्भ धारण कर पाएं। मेनोपॉज की उम्र 50 वर्ष के आसपास होती है। कई महिलाओं को 40 से 42 के बाद ही मेनोपॉज हो जाता है। ऐसे में प्रजनन के लिए विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) दिया जाता है। और हां, अगर आपकी मां को 42 की उम्र में संतान हुई हो, तो इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं होता है कि आप भी 42 की उम्र में मां बन पाएं
ओवरी में फॉलिकल:
ओवरी में एग की संख्या कम होने पर फॉलिकल पर बुरा असर पड़ता है। महिलाओं में पैदाईशी फॉलिकल का गुण होता है जो उम्र के बढ़ने पर घटता है। मासिक चक्र के दौरान इनकी अह्म भूमिका होती है। उम्र के बढ़ने पर ये घटते हैं और बच्चे को कैरी करने में समस्या आती है।
कब बनें मां ??
इसलिए मां बनने का निर्णय, 30 वर्ष की उम्र से पहले ही लें। इससे मां और बच्चा, दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।