टेलीविजन पर गर्भनिरोधक गोलियों के विज्ञापन आप रोज देखते होंगे। सही मायने में गर्भधारण को रोकने का यह एक आसान उपाय है। इन गोलियों को लेकर समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं। कोई कहता है इसके इस्तेमाल से भविष्य में गर्भवती होने में दिक्कत आती है, तो कोई कहता है इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, जबकि डॉक्टरों की मानें तो गर्भ निरोधक गोलियां पूरी तरह सुरक्षित होती हैं, लेकिन बहुत कम मामलों इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं।
सबसे पहले हम आपको बताते चलें कि गर्भ निरोधक गोली क्या होती है- यह वो गोली है, जिसमें फीमेल हार्मोन ऑस्ट्रोजेन और प्रोजेसटोजेन होते हैं। ये हार्मोन स्त्री के अंडाशय से अंडे निकलने से रोकती हैं। ताकि वो गर्भवती न हो। साथ में ये गोलियां गर्भाशय से निकलने वाले द्रव्य को गाढ़ा बना देती हैं, ताकि पुरुष के स्पर्म गर्भाशय में न जा सकें।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि ये गोलियां स्त्रियों में कैंसर के खतरे को कम करती हैं। यही नहीं दुनिया के अधिकांश चिकित्सकों का कहना है कि इन गोलियों को लेने से पहले प्रेस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं। लेकिन हां यदि आप परिवार नियोजन के लिए इसकी शुरुआत करना चाहती हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
यदि आपने गोलियां लेनी शुरू कर दी हैं, तो इसे समय पर लेना मत भूलें। यदि भूल गईं, तो जब भी याद आए उसे तुरंत लें। यदि फिर भी आपको लगे कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो ऐतियात के तौर पर अगले सात दिन तक संभोग नहीं करें। एक से अधिक गोली का छूटने पर गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है। ऐसा होने पर गोलियों के साथ मिली जानकारियों को ध्यान से पढ़ें और उसे फॉलो करें।
गोलियों से लाभ
गर्भ निरोधक गोलियों के सकारात्मक पहलुओं की बात करें तो इनके इस्तेमाल से मासिक धर्म के दौरान दर्द नहीं होता है। मासिक धर्म का समय कम हो जाता है। लिहाजा स्त्रियों में खून की कमी होने की आशंका कम हो जाती है। एक शोध के मुताबिक यह महिलाओं में कैंसर के खतरे को कम करती हैं।
गोलियों के साइड इफेक्ट्स
गर्भ निरोधक गोलियों के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। इसके सेवान की शुरुआत में सिरदर्द, मिचली आना, ब्रेस्ट में दर्द होना, वजन बढ़ना, मासिक धर्म के बीच में रक्त आना आम बात है। लेकिन गोलियों के नियमित इस्तेमाल से ये सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। यदि गंभीर साइड इफेक्ट्स की बात करें तो इसके कारण गर्भाशय के पास रक्त जमने का खतरा पैदा हो सकता है। जिस कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
दूसरा ये कि गर्भ निरोधक गोलियों के इस्तेमाल से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। तीसरा सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। लेकिन घबराने की बात नहीं है, ऐसा बहुत कम महिलाओं के साथ होता है। कैंसर की बात करें तो इससे ओवरी कैंसर का खतरा कम हो जाता है, जबकि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं गर्भाशय और लीवर के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।