यदि आपकी जीवन संगिनी गर्भावस्था से गुजर रही है और डॉक्टर ने आपको सेक्स करने से मना किया है, तो यह मत सोचिए कि बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद आप संभोग कर सकेंगे। तमाम पुरुष सोचते हैं कि बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद वे अपनी संगिनी के साथ यौन संबंध स्थापित कर सकते हैं, लेकिन जो लोग ऐसा सोचते हैं या करते हैं, वे गलत हैं। इससे स्त्री के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।
यदि आप यह सोचते हैं कि बच्चा पैदा होने के बाद आपको अपनी पत्नी से उतना ही यौन सुख मिलेगा, जितना मिलता आया है, तो भी आप गलत हैं। सबसे अहम बात यह है कि बच्चे को जन्म देना एक महिला के लिए सबसे कठिन प्रक्रिया होती है। लोगों को देखने में भले ही आसान लगे, लेकिन बच्चा पैदा होते वक्त महिला जीवन और मौत के बीच से गुजरती है।
इस प्रक्रिया के बाद योनी की मासपेशियां खिंचने के साथ-साथ टूट जाती हैं। इसी लिए डिलीवरी के दौरान असहनीय दर्द होता है। कई बार तो मासपेशियों से रक्त तक बहने लगता है। ऐसे में यदि आप डिलीवरी के एक दो दिन बाद ही संभोग करना स्त्री के लिए कष्टदायक हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक नॉर्मल डिलीवरी के करीब छह सप्ताह तक संभोग नहीं करना चाहिए। उसके बाद भी डॉक्टर की सलाह लें तो अच्छा रहता है। क्योंकि मासपेशियों के घाव को भरने में पांच से छह सप्ताह तक लग ही जाता है। ऐसे में अगर आप सेक्स करेंगे तो योनी में इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
सेक्स के प्रति उदासीनता की बात करें तो आमतौर पर स्त्रियां डिलीवरी के बाद इसके प्रति उदासीन हो ही जाती हैं। उनके अंदर हार्मोर्न्स में परिवर्तन के कारण ऐसा होता है। यही नहीं इस कारण उन पर मानसिक दबाव भी बढ़ जाता है। बहुत कम महिलाएं होती हैं, जिनके साथ ऐसा नहीं होता। इसलिए हो सकता है डिलीवरी के तीन-चार महीने बाद भी स्त्री के अंदर सेकस करने की चाह नहीं उठे।
ऐसे में बच्चे की मां और पिता दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे छह महीने तक संभोग से बचना चाहिए। यही नहीं यदि स्त्री पास आने के लिए मना कर दे तो उसे लेकर झगड़ा नहीं करना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि डिलीवरी के छह महीने के बाद भी स्त्रियां जब संभोग करती हैं तो चरम सीमा तक पहुंचने में उन्हें काफी दिक्कत होती है। लेकिन ऐसा लगभग सभी के साथ होता है।
हां आप अपने साथी को करीब लाने के लिए ओरल सेक्स कर सकते हैं, लेकिन उसमें भी ऐसा कोई काम न करें, जिससे स्त्री के घावों में दर्द होता हो। सबकुछ नॉर्मल होने के बाद भी अगर संभोग करें तो कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करना मत भूलें, क्योंकि ऐसे में महिलाओं के अंदर दोबारा गर्भधारण के चांस बढ़ जाते हैं।