मानसून में रहें इन जानलेवा रोगों से सावधान

 

08-1433737693-05-illबरसात के मौसम में अक्सर पानी से होने वाले रोग फैलने लगता हें जैसे टॉयफाइड, उल्टी दस्त व पीलिया। यह भी डर बना रहता है कि श्वास संबधी समस्याएं विकट रूप धारण न कर लें। चूंकि हवा में बहुत अधिक नमी होती है इसलिए सांस लेने में परेशानियां हो सकती हैं।

मौसम में बदलाव के कारण लोग वायरल फीवर के भी शिकार हो जाते हैं। आप जो भोजन करते हैं और जो पानी पीते हैं, उसके बारे में बहुत सावधान रहें। घर से बाहर कुछ खाना, खासकर स्ट्रीट फूड, बिल्कुल नहीं खाएं। आइये जानते हैं उन बरसात की बीमारियों के बारे में और उनके शुरुवाती लक्षण।

1.मलेरिया

मलेरिया एक खातरनाक संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ एनोफ़िलेज़ मादा मच्छर द्वारा फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।

-लक्षण

बुखार, सर्दी, उबकाई, पूरे शरीर में दर्द और जुखाम जैसे लक्षण होते हैं,और गंभीर मामलों में मरीज बेहोश भी हो सकता है और मृत्यु भी हो सकती है।

2.हैजा

हैजा (कॉलरा) एक प्रकार का संक्रामक रोग है, जो बरसात के मौसम में तेजी से फैलता है। हैजा विब्रिओ कॉलेरी नामक बैक्टीरिया के फैलने से होता है। ख़राब आहार और गंदा पानी पीने से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और आंतों पर असर डालते हैं। मक्खियां जब उस मल पर बैठती हैं तो उनके पैरों की गद्दियों में ये बैक्टीरिया चिपक जाते हैं। वही मक्खियां जब खाने-पीने के चीजों पर बैठती हैं तो बैक्टीरिया शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। कीटाणु के प्रवेश करने के बाद 12 घंटे से 4 दिन के अन्दर रोग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

-लक्षण

इस रोग में जबरदस्त उलटियाँ व दस्त होते हैं। कई बार उलटी नहीं भी होती है और जी मिचलाता है व उलटी होने जैसा प्रतीत होता है। उलटी के साथ ही पतले दस्त लग जाते हैं और ये होते ही रहते हैं, शरीर का सारा पानी इन दस्तों में निकल जाता है। इस बीमारी में बुखार नहीं आता, बस रोगी निढाल, थका-थका सा कमजोर व शक्तिहीन हो जाता है।

3.टाइफाइड

यह साल्मोनेला इंटेरिका नामक बैक्टीरिया यानी जीवाणु से फैलता है। इस बीमारी में तेज बुखार आता है, जो कई दिनों तक बना रहता है। यह बुखार कम-ज्यादा होता रहता है, लेकिन कभी सामान्य नहीं होता। टाइफाइड का इन्फेक्शन होने के एक सप्ताह बाद रोग के लक्षण नजर आने लगते हैं। कई बार दो-दो माह बाद तक इसके लक्षण दिखते हैं।

-लक्षण

भूख कम लगना और उल्टियां आना, सिर-दर्द और बदन-दर्द। सूखी खांसी आना और पेट में दर्द। समय पर इलाज न होने पर कुछ रोगियों की आंतों में खून का रिसाव होने लगता है।

हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है और इसमें लीवर प्रभावित होता है। हेपेटाइटिस के अन्य रूपों की तुलना में हेपेटाइटिस ए बहुत जटिल नहीं होता। हेपेटाइटिस ए एक रोगी से दूसरे व्यक्ति को हो जाता है, जिसमें आहार व जल माध्यम का काम करते हैं। दूषित अन्न और प्रदूषित पर्यावरण इस रोग को फैलाने के मुख्य साधन हैं।

-लक्षण

इसके मुख्य लक्षण हैं, लिवर में सूजन, ज्वर, ठण्ड लगना, उल्टी होना, भूख न लगना।

 

  बरसात के मौसम में अक्सर पानी से होने वाले रोग फैलने लगता हें जैसे टॉयफाइड, उल्टी दस्त व पीलिया। यह भी डर बना रहता है कि श्वास संबधी समस्याएं विकट रूप धारण न कर लें। चूंकि हवा में बहुत अधिक नमी होती है इसलिए सांस लेने में परेशानियां हो…

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