क्या आपको हर समय अपनी कमर में हल्का सा दर्द महसूस होता है यानि आपकी रीढ़ काफी कमजोर है जिसके चलते आपको हर समय दर्द का सामना करना पड़ता है। बोल्डस्काई के इस आर्टिकल में हम आपको कमजोर कोर के बारे में कुछ बातों को बताएंगे, जिससे आपको हर बात सही और विस्तारपूर्वक तरीके से समझ में आ जाएगी।
कमजोर रीढ़ के लक्षण क्या हैं?
खराब तरीके से बैठना: अगर आपके बैठने का तरीका सही नहीं है तो आपको कमर और पीठ-पेट में दर्द हो सकता है। इस वजह से कोर भी वीक हो जाती है। कंधे झुकाकर चलने से भी कोर में कमजोरी आ जाती है, जो कि अधिकांश लोग करते ही हैं।
कमर के निचले हिस्से में दर्द: कमर के निचले हिस्से में दर्द, आपके शरीर की पेल्विक हड्डियों को कमजोर होने का संकेत देता है। इसके कमजोर होने से रीढ़ की हड्डी पर भी असर पड़ता है।
कोर मांसपेशियों को मजबूत क्यों रखें: मजबूत कोर से शरीर में कई समस्याएं नहीं होती है; जैसे- कमर में दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, पसलियों में दर्द आदि। अगर किसी के सिक्स पैक एब्स दिखाई देते हैं तो इसका मतलब बिल्कुल नहीं है कि उसकी कोर स्ट्रांग है। 6 पैक एब्स दिखने का मतलब होता है कि उसके शरीर में फैट नहीं है लेकिन मजबूती की कमी हो सकती है।
कोर मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए क्या करें? इस बारे में एक्सपर्ट अरनव का कहना है कि मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए आपको हर दिन उन पर मेहनत करनी होगी। सही तरीके से जिम में एक्सरसाइज करनी होगी। आपकी अपना बैठने और उठने का ढंग सही रखना होगा, ताकि भविष्य में भी कोई दिक्कत न हों।
वीक कोर को मजबूत बनाने के लिए अरनव के टिप्स: 1. कम्प्यूटर पर काम करते समय सही तरीके से बैठें। कमर झुकाकर न बैठें। 2. कंधे झुकाकर न चले। सीधा खड़े हों और ऐसे ही चलें। 3. जिम में ट्रेनर के अंडर में ही एक्सरसाइज करें। सप्ताह में कम से कम चार दिन एक्सरसाइज जरूर करें।
वीक कोर को मजबूत बनाने के लिए अरनव के टिप्स:
1. कम्प्यूटर पर काम करते समय सही तरीके से बैठें। कमर झुकाकर न बैठें।
2. कंधे झुकाकर न चले। सीधा खड़े हों और ऐसे ही चलें।
3. जिम में ट्रेनर के अंडर में ही एक्सरसाइज करें। सप्ताह में कम से कम चार दिन एक्सरसाइज जरूर करें।
कोर को मजबूत करने के लाभ:
2. पीठ में आराम: कोर के स्ट्रांग रहने से पीठ में दर्द नहीं होता है और रिलैक्स रहता है। हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहती हैं।
3. दैनिक कार्यों में आराम: अगर आपको कई दैनिक कार्यों को करने में दिक्कत होती है तो आपको मजबूत कोर से काफी आराम मिलेगी। आपके मुंह से हर बार निकलने वाली आह् फिर कभी नहीं निकलेगी।
4. संतुलन: मजबूत कोर होने से शरीर का संतुलन सही रहता है। बार-बार गिरने या लुढ़कने का चांस कम हो जाता है। कमर के दुरूस्त होने से बॉडी हमेशा फिट रहती है।
कमजोर रीढ़ आपके निचले शरीर को किस प्रकार प्रभावित करती है:
अगर आपकी कोर कमजोर होती है तो शरीर का बीच का हिस्सा ही कमजोर हो जाता है, जिसके कारण पूरी बॉडी को बैलेंस होने में दिक्कत होती है। इस वजह से घुटनों पर जोर आता है और वह भी कुछ ही समय में कमजोर पड़ जाते हैं। इसलिए कोर को स्ट्रांग रखना बेहद आवश्यक है।