दौड़ना सेहत को दुरुस्त रखने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यायामों में शिखर पर आता है। दिल की सहेत हो या मोटापा कम करना, रनिंग करने के कई स्वास्थ लाभ होते हैं। लेकिन हर एक्सरसाइज की तरह दौड़ने के लिए भी कुछ नियम होते हैं। इन नियमों का पालन करने से जहां एक ओर एक्सरसाइज का पूरा फायदा मिलता है, वहीं दौड़ते समय पेट में होने वाले दर्द व एंठन (साइड क्रैंप) से भी बचाव होता है। कुछ खास बातें, जैसे लंबे कदम बढ़ाने की जगह तेजी से छोटे कदम बढ़ाना , सही तरीके के सांस लेना आदि इन तकनीक में शामिल होती हैं। इससे आपकी कमर पर दबाव भी कम पड़ता है और आप जल्दी थकते भी नहीं। तो चलिये जानें कि कैसे दौड़ा जाए कि न तो दौड़ते समय पेट में दर्द हो और दौड़ने का पूरा लाभ भी मिले।
खान-पान ठीक करें
रनिंग के दौरान पेट में दर्द की समस्या से बचने के लिये सबसे अच्छा उपाय है कि आप अपने खाने के समय को निर्धारित करें और उसी के हिसाब से रनिंग का समय भी तय करें। अगर आपने प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा वाला भोजन किया है तो आपके लिये जरूरी है कि इसके कम से कम 2 घंटे बाद तक आप रनिंग न करें। वहीं यदि आपके भोजन में फैट ज्यादा है तो आपको इस समय में 1 घंटा और जोड़ देना होगा। मसलन आपको कम से कम तीन घंटे बाद रनिंग करनी चाहिये। इस तरह से आपको रनिंग करते हुए पेट में दर्द की समस्या नहीं होगी।
बॉडी पॉश्चर सही रखें
दौड़ते समय अपने शरीर के पॉश्चर को सही रखते हुए खुद को 5 डिग्री आगे की ओर रखें। इस स्थिति को समझने के लिए दोनों पांवों पर खड़े होकर अपना वजन एड़ी पर उठाए बिना तलवे पर डालें और फिर कदम रखते हुए एड़ी और तलवे के बीच के हिस्से को आराम से पहले टिकाए। कदम धीरे-धीरे बढ़ाएं और पांव के अगले हिस्से (टो) से खुद को आगे की ओर धकेलें। साथ ही टखनों में लचीलापन बनाए रखें। ध्यान रहे कि जमीन पर पैर पड़ने की आवाज ज्यादा नहीं होनी चाहिए। थोड़ा वार्मअप करें, इससे जो मांसपेशियां खिंच गई होती हैं वे अपनी जगह आ जाती हैं।
खुद को हाइड्रेटेड रखें
रनिंग करते वक्त आपको जल्दी थकान न हो इसके लिए ज्यादा मात्रा में पानी पियें। रनिंग पर जाते वक्त हो सके तो अपने साथ पानी की बोतल रखें। चूंकि दौड़ते समय आपके शरीर में पसीना बहुत होता है और उसकी कमी पूरी करने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है। लेकिन एक साथ बहुत सारा पानी न पियें। धीरे-धीरे थोड़ा पानी पिते रहें। दौड़ने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। तुरंत पानी पीने से पेट दर्द और जी मचलने जैसी दिक्कत हो सकती है जॉगिंग के बाद भी।
सांस लेने का सही तरीका
पेट से गहरी सांस लेना या “स्टमक ब्रीदिंग” रनिंग के लिए सबसे अच्छा होता है। पेट से सांस लेने का अभ्यास करने के लिए कमर के बल समतल सतह पर लेट जाएं और पेट को कोई किताब रख लें। अब धीरे से सांस को भीतर खींचे और किताब को ऊपर की ओर आनें दें, और फिर धीकरे से ही सांस को बाहर छोड़ें।
यूरोपियन जर्नल ऑफ फिजिक्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार अच्छी रनिंग व जॉगिंग करना तकनीक पर निर्भर करता है। रनिंग करते समय इस बात का ध्यान देना बेहद जरूरी है कि पैर जमीन पर कैसे पड़ रहे हैं। इसके हमेशा हल्के और फोम वाले जूते पहनने चाहिए। इससे संतुलन बना रहता है और रनिंग करने पर थकान व पेट में दर्द आदि महसूस नहीं होते हैं। साथ ही जब दौड़ पूरी हो जाए तो अचानक से न रूकें। कुछ मिनट के लिए धीरे-धीरे दौड़ें और फिर धीरे-धीरे वॉक पर आ जाएं। इससे शरीर का रक्तचाप भी सामान्य रहेगा। एक बार सांस साधारण गति में आ जाए तब स्ट्रेचेज या एक्सरसाइज कर सकते हैं।